-भजन संध्या को लेकर शहर के राजनीतिक गलियारों में खासी चर्चा।
न्यूज जंक्शन-18
रतलाम। बरबड़ में हुई भागवत कथा के सफल आयोजन को देखते शहर में शनिवार को धार्मिक भजन संध्या आगामी विधानसभा चुनाव के लिए खूब राजनीतिक इशारा दे रही है। कांग्रेस से जुड़े पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ने एक दिवसीय ये भगवा रंग फेम शहनाज अख्तर की भजन संध्या का बीड़ा उठाया है। हालांकि एक सप्ताह पहले ही इसका बिगुल बजा दिया गया था। लेकिन पिछले दो दिनों से शहरभर में टांगे गए बैनर व पोस्टर कई तरह की कहानी बयां कर रहे है। इसे लेकर राजनीति विशेषज्ञ सहित आम जनता में खासी चर्चा है।
मालूम हो कि हाल ही में चेतन्य काश्यप फाउंडेशन द्वारा स्वामी चिदम्बरानंदजी की सात दिवसीय भागवत कथा ने शहर में धार्मिक माहौल निर्मित किया है। इसमें हर वर्ग के लोगों ने बढ़चढ़कर भाग लिया। वहीं सामाजिक संगठनों से जुड़े कई लोग आयोजन स्थल पर सेवादार भी बने थे।
इसी आयोजन के ठीक बाद 10 जून को भजन संध्या से कांग्रेस पार्टी की चुनावी उम्मीदवारी की शुरुआत भी मानी जा रही है। हालांकि इस आयोजन के पोस्टर व बेनर की बनावट व आकर-प्रकार पूरी तरह भागवत कथा आयोजन के समान ही है। इतना ही नही पोस्टर व बेनर टांगने के लिए उन्हीं स्थानों का चयन किया, जहां भागवत कथा के पोस्टर-बेनर लगाए गए थे। यानी माना जाए कि सब कुछ हूबहू। इसे लेकर पिछले दो दिनों से शहर में चर्चाओं को विराम नही लग रहा है। हालांकि राजनीतिक बिसात पर ऐसे आयोजनों की फ़ंडिंग कोई मायने नही रखती है।
उम्मीदवारी के लिए कड़ी होगी मशक्कत
राजनीतिक जानकारों के मुताबिक इस बार कांग्रेस में विधायक की उम्मीदवारी के लिए कड़ी मशक्कत होना तय माना जा रहा है। इसके लिए आगामी दिनों में औऱ भी बड़े नेताओं के शहर में आने का सिलसिला शुरू होगा। कई दमदार दावेदार कांग्रेस से अपनी उम्मीदवारी पेश करेंगे। इसके लिए भोपाल से लेकर दिल्ली तक संपर्क साधने का क्रम जारी है। जीत का गढ़ माने जाने वाले रतलाम शहर में भाजपा का किला ढहाने के लिए कांग्रेसी आलाकमान छोटे कद के उम्मीदवार को टिकिट देने के मुड़ में कतई नही है। दूसरी ओर वर्तमान शहर विधायक चाहेंगे कि कांग्रेस से कमज़ोर उम्मीदवार ही सामने आए। इससे कि भाजपा की जीत में किसी तरह से विघ्न पैदा न हो।