भोपाल में पूर्व गृहमंत्री हिम्मत कोठारी ने मुख्यमंत्री को सुनाई रतलाम की व्यथा, जनहित के मुद्दों पर भी चर्चा
-सीएम हाउस से बुलावे पर कोठारी ने प्रतिनिधि मंडल के साथ मुख्यमंत्री से की मुलाक़ात।
न्यूज जंक्शन-18
रतलाम। रतलाम शहर के जनहित के कई मुद्दों और आमजन से जुड़ी समस्याओं को लेकर पूर्व गृहमंत्री हिम्मत कोठारी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल भोपाल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिला। उन्होंने मुख्यमंत्री से रतलाम शहर की व्यथा सुनाई। वही जनहित के कई मुद्दों पर भी चर्चा की। कोठारी के मुख्यमंत्री से मुलाकात को लेकर रतलाम से लेकर भोपाल पर चर्चाओं का दौर चलता रहा। कुछ अटकलें भी लगाई जाती रही।
शहर के जनहितैषी मुद्दों पर चर्चा
मुख्यमंत्री से मुलाक़ात में प्रतिनिधिमंडल ने विभाजित भूखंडों के नामांतरण एवं निर्माण स्वीकृति एवं भूमि नामांतरण के मामले में 1956-57 के रिकॉर्ड की अनिवार्यता को समाप्त करने, कनेरी डेम के जल की रतलाम के लिए उपयोगिता, सुभाष नगर एवं सागोद ओवर ब्रिज का काम जल्दी पूरा करने पर विस्तार से चर्चा की। मुख्यमंत्री ने सभी मुद्दों को हल करने के लिए तत्काल मुख्यमंत्री निवास के संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
छोटे और मध्यम वर्गीय आम जन बहुत परेशान
कोठारी एवं प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री को बताया कि रतलाम में नगर सुधार न्यास या अन्य अर्द्धशासकीय संस्थाओं द्वारा आवंटित भूखंडों के विभाजित टुकड़ों का पंजीयन हो रहा है। मगर नगर निगम द्वारा उस पर नामांतरण और निर्माण की अनुमति नहीं दी जा रही है। जिससे छोटे और मध्यम वर्गीय लोग बहुत परेशान हो रहे है। शीघ्र ही इस समस्या के निराकरण का निवेदन किया।
रतलाम में पांच बिस्वा भूमि को अवैध घोषित किए जाने के प्रशासन के फ़ैसले पर प्रतिनिधि मंडल ने कहा है कि यह निर्णय परेशानी का सबब बन गया है। सरकार स्वयं दो बिस्वा के पंजीयन को वैध बता रही है। जबकि रतलाम ज़िला प्रशासन ने पांच बिस्वा भूमि को अवैध की श्रेणी में डाल दिया है।
राजस्व रिकॉर्ड के अभाव कई नामांतरण अटके
प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि रतलाम ज़िला प्रशासन द्वारा एनओसी तथा निर्माण स्वीकृति आदि में 1956–57 से 62 के राजस्व रिकॉर्ड की अनिवार्यता की गई है। यह व्यावहारिक नहीं होकर विसंगति पूर्ण है। यह नियम पूरे प्रदेश में भी केवल रतलाम जिले में ही लागू हे। 1956-57 से 62 का पूर्ण राजस्व रिकॉर्ड स्वयं जिला प्रशासन के पास भी उपलब्ध नहीं है। बंदोबस्त के दौरान जानकारी के अभाव में अधिकतर भूमि या भवन स्वामी अपना नाम इंद्राज नहीं करवा पाए थे।
रिकॉर्ड के अभाव कई नामांतरण खारिज किए गए है। जिससे जिले भर के किसान व नागरिक परेशान हो रहे है। इस बात पर भी प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री का ध्यान आकर्षित किया।
कम लागत में कनेरी डेम का भरपूर उपयोग
कोठारी ने दो वर्ष से लबालब भरे कनेरी डेम के पानी का उपयोग से उद्योग जगत और रतलाम की पेयजल की समस्या को दूर करने हेतु सुझाव दिया। कहा गया कि बहुत ही कम लागत में रतलाम शहर की पानी की समस्या से निजात दिलाया जा सकता है। कोठारी ने कई जनहित के मुद्दों पर मुख्यमंत्री का ध्यान आकर्षित करते हुए आम जनता को राहत प्रदान करने का निवेदन किया।
प्रतिनिधि मंडल में ये शामिल थे
मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को इन समस्या को हल करने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
कोठारी के साथ भोपाल गए प्रतिनिधि मंडल में ज़िला सहकारी बैंक अध्यक्ष अशोक चौटाला, पूर्व निगम अध्यक्ष दिनेश पोरवाल, पिछड़ा मोर्चा महामंत्री दिनेश राठौर, भाजयुमो के पूर्व ज़िलाध्यक्ष विकास कोठारी, पूर्व प्रेस क्लब अध्यक्ष राजेश जैन, राजेश चौहान, विपुल मेहता, पूर्व जिला महामंत्री चंद्र प्रकाश औसतवाल, नगर पालिका जावरा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष अशोक सेठिया, सर्राफ़ा एसोसिएशन जावरा के अध्यक्ष प्रकाश कोठारी तथा ओम प्रकाश जैन शामिल थे।