-रेलवे में जिम्मेदारों की आंखमुंदी ड्यूटी से मिल रहा संरक्षण।
-लंबे समय से चल रहा है ट्रेनों में खानपान का अवैध व्यापार।
न्यूज़ जंक्शन-18
रतलाम। रेलवे ने बगैर पेंट्रीकार वाली ट्रेनों में साइड पेंट्री योजना चलाकर मुसाफिरों को बेहतर खानपान सामग्री उपलब्ध कराने की योजना लागू की है। लेकिन जिम्मेदारों के संरक्षण के चलते ट्रेनों में अवैध साइड पेंट्री का संचालन का खेल बेख़ौफ़ चल रहा है। गुणवत्ताहीन सामग्री परोसकर यात्रियों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। इधर, रेलवे आईआरसीटीसी द्वारा संचालित फूड प्लाजा के खाने से भी यात्री सहित रेलवे कर्मचारी बीमार पड़ने लगे है। हालत यह है कि चलती ट्रेन में डॉक्टर के उपचार का सहारा लेना पड़ रहा है।
अवैध वेंडिंग से लाखों का कारोबार
ट्रेनों में अवैध वेंडिंग से तथाकथित ठेकेदारों का लाखों रूपए का कारोबार है । हालांकि रेलवे ने 3 साल से बगैर पेंट्रीकार वाली ट्रेनों में साइड पेंट्री योजना शुरू कर इसके बकायदा टेंडर निकले। इसके बाद चयनित ठेकेदार को ट्रेनो में सामग्री बेचने की अनुमति दी। लेकिन अभी भी बगैर पेंट्रीकार वाली ट्रेनों में अवैध वेंडरों का कब्जा है। रतलाम से कोटा व अजमेर की ओर ये तथाकथित ठेकेदार अवैध फेरी चलवाकर यात्रियों को खराब सामग्री परोस रहे है।
रतलाम से चढ़ाई जाती है सामग्री
रतलाम से अवैध वेंडरी के लिए रतलाम से बड़ी मात्रा में खानपान सामग्री चढ़ाने का सिलसिला अभी भी जारी है। इसके बाद यात्रियों को ऊंचे दाम पर घटिया सामग्री बेककर यात्रियों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। बड़ी बात यह है कि ट्रेनों में आरपीएफ व जीआरपी की ड्यूटी रहती है। इसके बावजूद रोकटोक के अभाव में यह अवैध कारोबार बदस्तूर जारी है।
खराब खाने से रेलवे टीईटी ही बीमार
रेलवे आईआरसीटीसी द्वारा संचालित यूनिट के खराब खाने से रेलवे कर्मचारी भी बीमार होने लगे है। यह मामला टीटीई पीएस मलिक (सीटीआई उज्जैन) के साथ हुआ। मालिक ने बताया कि 22 अप्रैल 2023 को भोपाल (सीटीआई आफिस के पास) प्लेटफॉर्म नंबर 1 स्थित सपन फूड प्लाजा पर दो प्लेट इडली सांभर खरीदकर खाई। खाने के आधे घंटे बाद ही मुझे उल्टी शुरू हो गई थी। तत्काल सीएमआई को नोट करवाया। ट्रेन नंबर 11464 ट्रेन में वर्किंग होने से डयूटी पर चढ़ गया। मैसेज करने पर रात्रि में लगभग 12.15 बजे उज्जैन में डॉक्टर ने आकर दवाई दी। मैंने जैसे-तैसे अपने साथी के साथ मिलकर डयूटी पूरी की।
सीएमआई की मिलीभगत
सीटीआई मालिक के मुताबिक सीएमआई भोपाल सीनियर डीसीएम का नंबर मांगा तो उन्होने देने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहां की डिप्टी एसएस के पास जाओ। हालांकि मेरी ट्रेन का समय होने से वहां जाना संभव नही था। उस दिन फूड प्लाजा मे कोई भी स्टाफ नहीं था। बिल मांगने पर बिना नाम का बिल थमा दिया गया। मामले में पीआरओ खेमराज मीणा का कहना है कि रतलाम मंडल एरिया में ट्रेन व प्लेटफॉर्म की यूनिट की समय समय पर जांच की जाती है।