पहले टीटीई ने की दादागिरी, फिर किया दुष्प्रचार…बोला- एडीआरएम साहब ने मुझे क्लिन चिट दे दी, मैंने नहीं, स्केलमेन ने दी थी गाली
-मामला दिव्यांग माली के साथ दिव्यांग कोच में गाली-गलौच का।
-पीड़ित द्वारा पहचान की बावजूद टीटीई से केवल माफी मंगवा कर दिया रफा-दफा।
न्यूज जंक्शन-18
रतलाम। दो दिन पूर्व एडीआरएम के माली के साथ गाली-गलौच करने वाले टीटीई का ही बचाव करते हुए विभाग के जिम्मेदारों ने माफी मंगवा ली और मामले को रफा-दफा कर दिया गया। ऐसे में अब तक यात्रियों से बदसलूकी के मामलों में टीटीई और भी बेखौफ हो चलेंगे। इस बात की आसानी से गारंटी दी जा सकती है।
विचारणीय पहलू है कि बैखोफ टीटीई मंडल के एडीआरएम जैसे बड़े अधिकारी के स्टाफ कर्मचारी के साथ बदसलूकी पर आमादा है, तो सामान्य यात्रियों के साथ ट्रेन में रोज कैसा बर्ताव होता होगा। इसका अंदाजा साफ लगाया जा सकता है। ऐसे मामले उजागर होने के बाद भी कमर्शियल विभाग द्वारा इसे छिपाने, रफा-दफा करने तथा गलत तथ्यों को पेश कर मामले को दबाने का प्रयास किया गया। यह गैर जिम्मेदाराना रवैए को बढ़ावा देने के लिए काफी है।
दरअसल सीनियर डीसीएम हीना केवरमानी फिलहाल मंडल के बाहर है। इसका सीधा लाभ उठा लिया गया। माली के साथ बदसलूकी के बाद विभाग के जिम्मेदारों ने टीटीई को एडीआरएम के समक्ष पेश जरुर किया। लेकिन बीच-बचाव कर मांफी मंगवाते हुए इतिश्री करवा ली गई। जबकि दिव्यांग माली पहचान पुख्ता कर कहता रहा कि ये वहीं टीटीई है, जिसने उसके साथ दुर्व्यवहार किया। उल्टा टीटीई द्वारा बाहर दुष्प्रचार भी किया गया कि मैंने नहीं, साथ में ड्यूटी कर रहे स्केलमेन ने यात्री को गाली दी थी।
बता दें कि यह मामला सोमवार को देहरादून एक्सप्रेस का है। दिव्यांगजनों के कोच में सवार होकर रतलाम आए एडीआरएम के दिव्यांग माली के साथ टिकिट चेकिंग के दौरान टीटीई ने गाली-गलौच की थी। दिव्यांग माली नियम से एमएसटी पर यात्रा कर रहा था। बाद में माली ने एडीआरएम को शिकायत की। तब एसीएम राकेश कुमार धीमान को मामले की जांच एवं टीटीई की पहचान के निर्देश दिए गए। बाद में फोटो एवं वीडियो फुटेज से टीटीई की पहचान भी कर ली गई थी। हालांकि मामले में स्केलमेन की भूमिका भी संदेहास्पद हैं।
इधर, मंगलवार टीटीई को डीआरएम ऑफिस तलब कर उसे एडीआरएम अशफाक अहमद के चैंबर में पेश किया गया। पहले तो झूठ बोला गया कि उसने नही, बल्कि स्केलमेन ने दिव्यांग माली को गाली दी थी। वहीं दिव्यांग माली साफ कहता रहा कि टीटीई ने ही उसके साथ दुर्व्यवहार किया था। टीटीई से मांफी मंगवाकर मामले को रफा-दफा करने का प्रयास किया गया।
दूसरी ओर टीटीई बाहर निकलकर साथियों से यह कहता पाया गया कि उसे एडीआरएम साहब ने क्लिन चीट दे दी। यात्रियों से जुड़े ऐसे मामलों को न्यूज़ जंक्शन-18 द्वारा निरंतर खबर प्रसारित कर संबंधितों के नाम भी उजागर किए जाएंगे।
टीटीई की पूर्व में भी हुई शिकायत:- इस मामले में शामिल टीटीई यात्रियों से बदसलूकी के लिए काफी चर्चित रहा है। बताया जा रहा है कि पूर्व में विजिलेंस कार्रवाई हो चुकी है। कुछ दिनों पूर्व भी यात्री की शिकायत पर सीसीटीवी फुटेज निकलवाए गए थे। लेकिन इस बार की तरह ही मामले को रफा-दफा कर दिया था। बड़ा सवाल यह यह है कि ऐसी कार्यशैली के बावजूद चेकिंग स्क्वॉड में फेरबदल कर अब तक ड्यूटी में तब्दिली क्यों नहीं की गई। साथ ही सालों से एक ही ड्यूटी होने पर इन्हें कंडक्टर ड्यूटी में क्यों नहीं भेजा गया। अर्निंग हासिल करने का मतलब यह नहीं कि यात्रियों से बदसलूकी पर उतर आए। उन्हें इसका खुला लाइसेंस दे दिया जाए।
ऐसी अनदेखी से बढ़ रहे हौंसलें
-दिव्यांग माली द्वारा गाली-गलौच के आरोपों की जांच के लिए देखें गए फुटेज में मामले की पुष्टि होते दिखाई दी।
-फुटेज में साफ है कि देहरादून एक्सप्रेस के प्लेटफॉर्म पर इंटर होने पर टीटीई तथा स्केलमेन चलते कोच में चढ़ते दिखाई दिए।
-पीड़ित द्वारा शिकायत व आरोपों के बावजूद टीटीई पर ठोस कार्रवाई क्यों नहीं की गई है।
-चेकिंग के दौरान साथी कर्मचारी स्केलमेन की भूमिका भी शंका व संदिग्धता के दायरे में दिखाई दे रही है।
-अधिकारी अब तक यह औचक निरीक्षण में पुख्ता नहीं कर पाए कि स्केलमेन भी नियम के विपरित यात्रियों के टिकिटों की जांच कर लेता है।
-स्केलमेन यदि टिकिटों की जांच नहीं करता है तो उसके मूल काम की क्या प्रगति है।
-स्केलमेन ने अब तक कितने लगेजों की पेनल्टी वसूली की कार्रवाई की। इसका रिकॉर्ड क्या रहा है।