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रेलवे सीएचआई का स्वीपिंग गेम….बेपटरी सफाई व्यवस्था को कागज की पटरी पर सरपट दौड़ा रहे, सिर्फ और सिर्फ फर्म को लाभ

-स्टेशन पर आए दिन बिगड़ रही सफाई व्यवस्था, कर्मचारी उतर रहे हड़ताल पर।
न्यूज़ जंक्शन-18
रतलाम। रेलवे स्टेशन पर सफाई व्यवस्था को लेकर ठेका कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन व फर्म ठेकेदार की मनमानी आम दिनों की बात होने लगी है। सफाई व्यवस्था ठप होने के पीछे मैदानी स्तर पर प्रशासन की ओर स्टेशन पर नियुक्त सरकारी कारिंदों की सांठगांठ भी मुख्य वजह मानी जा रही है। इसलिए हजारों यात्रियों को परेशान होमा पड़ रहा। बल्कि रेलवे के बड़े खर्च के बावजूद बेहतर व्यवस्थाओं का लाभ नहीं मिल रहा है।
दरअसल स्टेशन पर फर्म के टेंडर संबंधी प्रकिया सीएन्डब्ल्यू विभाग द्वारा पूरी की जाती है। जबकि व्यवस्था संचालन, निगरानी सहित बिल तैयार करने, पेनल्टी जैसे अहम काम वाणिज्य विभाग के जिम्मे है। इसके लिए स्टेशन पर एचआई (स्वास्थ्य निरीक्षक) तथा सीएचआई (मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक) की तैनाती की गई है। इन्हीं निरीक्षकों द्वारा मासिक बिल तैयार करने सहित अधिकारियों को रिपोर्ट पेश करने का काम है। लेकिन इनकी फर्म के साथ साठगांठ के चलते आए दिन की सफाई व्यवस्था ठप तथा ठेका कर्मचारियों की हड़ताल जैसी नौबत निर्मित हो रही है।

कम राशि के टेंडर में फर्म को पूरा लाभ

वर्तमान फर्म किंग ग्रुप कंपनी द्वारा सबसे कम राशि यानी 14 करोड़ रुपए साल का ठेका लिया है। इसकी भरपाई ये ही शासकीय कारिंदे बखूबी करते है।
दरअसल टेंडर प्रकिया के बाद ठेका अवधि के दौरान फर्म का पहला काम इन्हीं जिम्मेदारों को झांसे में लेना होता है। यदि सीएचआई का फर्म से मेलजोल बेहतर बन गया है तो ठेकेदारों को मनमानी करने से कोई रोक नहीं सकता। रेलवे स्टेशन पर मैकेनाइज्ड क्लीनिंग के ठेके में भी ऐसे हालात निर्मित हुए है। फर्म द्वारा ऐसी ही जमकर मनमानी की गई। सूत्रों के मुताबिक स्टेशन पर सीएचआई द्वारा कर्मचारियों की कम संख्या रहने के बावजूद फर्म को पेनल्टी से बचाने, राइडर मशीन की संख्या अपर्याप्त होने के बावजूद रिपोर्ट में उल्लेख नहीं करने सहित तमाम खानापूर्ति कर अप्रत्यक्ष रूप से टेंडर शर्तो का उल्लंघन तथा रिकॉर्ड दुरुस्त कर फर्म को लाभ पहुंचा दिया जाता है। बताया जा रहा कि कुछ माह पूर्व विजिलेंस द्वारा जांच पड़ताल की गई थी। वहीं वर्तमान डीआरएम रजनीश कुमार द्वारा भी स्टेशन पर सीएचआई के दस्तावेज खंगाले थे।

तीन कामों के ठेके एक साथ, एक फर्म को

रेलवे स्टेशन पर पूर्व में सीटीएस (क्लीन ट्रेन स्टेशन), कोच में वाटरिंग तथा हाउस कीपिंग के तहत प्लेटफॉर्म, सर्कुलेटिंग एरिया, कार्यालयों की सफाई का ठेका अलग-अलग फर्म को दिया जाता रहा। इस बार मैकेनिकल सीएन्डब्ल्यू विभाग द्वारा एक साथ सीटीएस, हाउस कीपिंग तथा वाटरिंग का करीब 14 करोड़ रुपए साल का ठेका एक ही फर्म किंग ग्रुप कंपनी को दिया गया है। शुरुआत में 192 कर्मचारी थे। लेकिन वर्तमान में सभी मिलाकर स्टेशन पर 126 कर्मचारी कार्यरत है। फर्म द्वारा डाउन में ठेका लिया है। बावजूद इसकी पूर्ति किए जाने से स्वतः ही संदेह की स्थिति निर्मित साफ दिखाई दे रही है। इसके विपरित पीआरओ खेमराज मीणा का कहना है कि फर्म के काम व सफाई इंतजामों का विभाग सहित बड़े अधिकारी निरीक्षण करते है।

एक सीएचआई का तबादला ज्वाइनिंग नहीं

स्टेशन के अधिकारी बताते है कि स्टेशन पर एचआई व सीएचआई श्रेणी के चार कर्मचारी नियुक्त है। इसमें से एक का तबादला हो गया। लेकिन फिलहाल छुट्टी पर चले जाने से ज्वाइनिंग नहीं की गई। स्टेशन पर सीएचआई देवेंद्र रामटेके, बैरागी, प्रेमराज मीणा, एचआई पंकज सोलंकी नियुक्त रहे। इसमें से रामटेके का तबादला दाहोद हो गया। लेकिन अवकाश पर होने से फिलहाल ज्वाइन नहीं किया गया।

ये है अनदेखी, बना देते ओके रिपोर्ट

-कर्मचारियों की कमी होने पर जुर्माने का नियम भी है। सांठगांठ के चलते रजिस्टर में कर्मचारियों की संख्या पर्याप्त दर्शाकर एंट्री कर दी जाती है।

-सफाई मटेरियल की आपूर्ति व उपयोग में टेंडर शर्तों का पालन जरूरी है। फर्म द्वारा इसमें भी अनदेखी की जा रही है।

-सफाई मशीन खराब होने व दूसरे दिन दुरुस्त नहीं होने पर भी इसे ओके दर्शाकर पेनल्टी से बचा दिया जाता है।

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