‘मालवा’ पर मेहरबान, ‘क्वार्टर’ बदहाल, ‘यात्री सुविधा’ बेहाल….दो साल पहले दो करोड़ से सजाया मालवा, पुनर्निर्माण पर फिर खर्च
-ग्राउंड फ्लोर की नई फ्लोरिंग उखाड़ी, दोबारा सजा रहे अधिकारी रेस्ट हाउस।
– पूर्व डीआरएम के घर शादी के वक्त बना था मालवा रेस्ट हाउस।
-यात्री सुविधा सहित रेलवे क्वाटर्स की अनदेखी, असुविधाओं की लंबी फेहरिस्त।
न्यूज़ जंक्शन-18
रतलाम। लगता है रेलवे में हजारों रुपए के राजस्व की बर्बादी केवल अफसरों की सुविधाओं के लिए खर्च पर ही की जा रही है। जबकि रेल यात्री व कर्मचारियों की सुविधा के लिए गिड़गिड़ाने पर विवश होना पड़ रहा है। बावजूद जिम्मेदारों का ध्यान सुधार की ओर नहीं है।
रेलवे स्टेशन पर अधिकारियों के लिए दो साल पहले करीब दो से ढाई करोड़ रुपए खर्च से ‘मालवा’ नाम का सुविधायुक्त अधिकारी रेस्ट हाउस निर्माण किया गया था। अब इसका रिनोवेशन किया जा रहा है। दूसरी ओर रेल यात्रियों की सुविधाओं के लिए समितियों के सदस्य बैठकों में गुहार लगा रहे है। वहीं कर्मचारियों के क्वार्टर्स की मरम्मत के आवेदनों की लंबी फेहरिस्त है। वे बदहाल क्वार्टर्स में तिल-तिल घुटन के निकाल रहे है। मामले में सदस्य व पदाधिकारी रेल मंत्री को ट्वीट करने में जुटे है।
दरअसल रेलवे का पूरे सिस्टम को ग़ुलामी के दौर में अंग्रेजों ने अपनी सुविधाओं के ईद-गिर्द तैयार किया था। हालांकि ऐशोआराम की सालों पुरानी व्यवस्था को लोकतांत्रिक दौर में वर्तमान की मोदी सरकार द्वारा बंद किया जा रहा है। बावजूद दबे-छिपे, बची -कूची सुविधाओं का दुरुपयोग करने से जिम्मेदार कतई बाज नहीं आ रहे है।
दोबारा फ्लोरिंग तोड़ा, दूसरी मंजिल भी तैयार
दरअसल प्लेटफॉर्म नंबर 7 की ओर टिकिट विंडो के पास मालवा नाम का अधिकारी रेस्ट हाउस बना है। इसका निर्माण दो साल पूर्व शासकीय प्रकिया के तहत बनाया गया। बताया जा रहा कि उसी दौरान रतलाम में पूर्व डीआरएम के परिवार में शादी थी। कुछ माह पूर्व पुनर्निर्माण के लिए इसका वर्क सेक्शन किया गया। अब इसमें ऊपरी मंजिल का काम चल रहा है। लेकिन ग्राउण्ड फ्लोर में फ्लोरिंग के हिस्से को भी दोबारा तैयार किया जा रहा है। साथ ही जीआरपी चौकी से लेकर स्टेशन तक सड़क सहित फुटपाथ मरम्मत का काम भी तेजी से जारी है। हालांकि एक प्रोग्राम के चलते 27 फरवरी के पूर्व इन कामों को कम्प्लीट करने का दबाव है। बताया जा रहा है कि महाप्रबंधक सहित अधिकारी इसमें ठहरेंगे। दूसरी ओर इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारी व ठेकेदार इस आड़ से इत्तेफाक रख रहे कि अमृत स्टेशन योजना के तहत प्लेटफॉर्म नंबर 7 की ओर बने पुराने रेस्ट हाउस को हटाएंगे। इसके लिए मालवा रेस्ट हाउस के निर्माण का विस्तार किया गया।
क्वार्टर्स केे लिए परेशानी बरकरार
इधर, बदहाल रेलवे क्वार्टर्स के लिए कर्मचारियों की परेशानी बरकरार है। आईओडब्ल्यू विभाग में बारिश के वक्त से क्वार्टर मरम्मत के 200 से अधिक आवेदन लंबित है। परेशान कर्मचारी क्वार्टर सुधार के लिए ट्रेड यूनियन के पदाधिकारी के पास गुहार लगा रहे। ये पदाधिकारी बैठकों में क्वार्टर मरम्मत की ओर अधिकारियों को ध्यान दिला रहे है। इसके बावजूद भी सुनवाई नहीं होने से समस्या जस की तस बनी हुई है। हालात यह है कि कई क्वार्टर की छत बारिश में रिस रही है। वहीं टॉयलेट, दरवाजे, फ्लोरिंग व नालियों के काम बाकी है।
यात्री सुविधाओं के लिए मुंबई तक मांग
रेल यात्रियों की सुविधाओं के लिए मोटे बजट के बावजूद परेशानी झेलनी पड़ रही है। रतलाम में किसी प्लेटफॉर्म पर शेड की मांग अभी तक पूरी नहीं हुई तो किसी प्लेटफॉर्म पर टॉयलेट का अभाव है। हाल ही में मुंबई में हुई जेडआरयूसीसी की मीटिंग में सदस्यों ने इस ओर ध्यानाकर्षण कराया। तब रेलवे महाप्रबंधक अशोक मिश्रा द्वारा आश्वासन दिया गया।
मामले में जेडआरयूसीसी सदस्य शिवलहरी शर्मा ने कहा कि मालवा रेस्ट हाउस को दो साल पहले ही बनाया गया था। अब पुनर्निर्माण के लिए नीचे की फ्लोरिंग से छेड़छाड़ की क्या आवश्यकता थी। रेलवे क्वार्टर की मरम्मत के लिए कई कर्मचारी परेशान हो रहे है। बारिश में रहना मुश्किल हो रहा है। अधिकारियों को निर्माण में कमीशनबाजी की ओर ध्यान हटाकर कमर्चारियों के क्वार्टर्स व यात्री सुविधा बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए।
पहले यात्री सुविधाओं पर ऐसा था ध्यान
-चीफ क्लेम अधिकारी तक के रेलवे स्टेशन पर नियमित दौरे थे। छोटी छोटी यात्री समस्या व सुविधाओं पर अमल कर सुलझाई जाती थी।
-डीआरएम आरएन सुनकर सहित पूर्व के डीआरएम व संबंधित अधिकारियों का स्टेशन पर नियमित निरीक्षण का क्रम था। साफ सफाई सहित अन्य सुविधाएं चाक चौबंद थी।
-स्टेशन सलाहकार की बैठक में उठाए गए मुद्दों पर अमल होता रहा। अब समय पर बैठकों का अभाव।
नोट- रेल मंडल में कमीशनखोरी के खिलाफ मुहिम चलाई जाएगी। इसके पुख्ता दस्तावेज आरटीआई के तहत निकलवाए जाएंगे। इतना ही नहीं मामले में ट्वीट के माध्यम से रेल मंत्री सहित भारत सरकार का ध्यानाकर्षण कराया जाएगा।