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ये कैसा आदेश: दृष्टिबाधित दिव्यांग कर्मचारियों को पदोन्नत कर बना दिया सीटीआई, ट्रेनों में टिकिट चेकिंग कराएंगे अफ़सर?

रेल मंडल में अनाउंसर की ड्यूटी कर रहे चार दिव्यांग कर्मचारियों के लिए सीटीआई आदेश।

न्यूज जंक्शन-18
रतलाम। पदोन्नति को लेकर रेलवे द्वारा दृष्टिबाधित दिव्यांग कर्मचारियों के जारी किया गया आदेश पूरे मंडल में चर्चा का विषय बना हुआ है। दरअसल, रेल मंडल में अलग अलग स्टेशनों पर अनाउंसर की ड्यूटी कर रहे दृष्टिबाधित दिव्यांग कर्मचारियों की सीटीआई (चीफ टिकिट इंस्पेक्टर) पद पर पदोन्नति कर दी गई है। वे इस पद पर व्यवहारिक रूप से ट्रेनों में टिकिट चेकिंग कैसे कर सकेंगे यह भी विचारणीय प्रश्न है।
मालूम हो कि मंडल में इंदौर, उज्जैन, महू, दाहोद स्टेशन पर दृष्टिबाधित कर्मचारी अनाउंसर के पद पर कार्यरत है। हालांकि वे ट्रेनों सहित यात्री सुविधा से जुड़ी पुख्ता जानकारी के मुताबिक सालों से दक्षतापूर्वक काम को अंजाम देते आए है।
लेकिन व्यवहारिक रूप से इनसे टिकिट चेकिंग स्टाफ में ड्यूटी कराना असंभव है। 17 जुलाई 2023 को जब इनके सीटीआई आदेश जारी हुए तो रेल मंडल के बड़े कर्मचारी संगठन वेस्टर्न रेलवे एम्प्लाइज यूनियन व वेस्टर्न रेलवे मजदूर संघ ने आपत्ति ली थी। लेकिन पदाधिकारी ने तात्कालिक मंजूरी दे दी गई। इसे आधार बनाकर रेल प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए। मामले में टिकिट चेकिंग कर्मचारियों की संस्था इंडियन रेलवे टिकिट चेकिंग स्टाफ आर्गेनाइजेशन ने भी आपत्ति ली है। हालांकि आदेश में यह बिंदु दर्शाकर राहत दी गई हैं कि उनसे काम अनाउंसर का ही लिया जाएगा।
दूसरी ओर वर्तमान में कार्यरत टिकिट चेकिंग स्टाफ का कहना है कि दृष्टिबाधित दिव्यांग कर्मचारियों से यदि मूल नए पद के मुताबिक काम लिया गया। तब वे टिकिट चेकिंग कैसे करेंगे। बगैर टिकिट यात्री से कैसे दबाव बनाकर जुर्माना राशि का लेनदेन कर सकेंगे।

अनफिट कर्मचारियों को दिया कारपेंटर का पद

इसी तरह पिछले माह सहायक कार्मिक अधिकारी ने आदेश जारी कर शारीरिक रूप से अनफिट कर्मचारियों को भी नियम से हल्का काम देने के बजाय मेहनतभरी कैटेगरी दे दी गई थी। इसमें लोको पायलट तथा एसएसई को कारपेंटर तथा पेंटर के आदेश जारी किए गए थे। इसे लेकर भी ट्रेड यूनियनों ने आपत्ति दर्ज कराई गई थी।

दिव्यांग कर्मचारियों के आदेश में यह राहत

उक्त चारों दृष्टिबाधित दिव्यांग अनाउंसर कर्मचारियों की वरीयता सीटीआई एवं डिप्टी सीटीआई के साथ इंटरपोलेट कर निर्धारित की गई है। अनाउंसर कोटि में कार्यरत दृष्टिबाधित कर्मचारी अनाउंसर का कार्य ही करेंगे। यह सीटीआई तथा डिप्टी सीटीआई कोटि के लिए कोई दावा नहीं करेंगे।

मामले में प्रशासन से और बात करेंगे

इधर, इस मामले में वेस्टर्न रेलवे एम्प्लाइज यूनियन के मंडल मंत्री मनोहर बारठ का कहना है कि दृष्टिबाधित दिव्यांग अनाउंसर कर्मचारियों को सीटीआई पद पर पदोन्नति देने को लेकर यूनियन ने तकनीकी तौर पर आपत्ति दर्ज कराई थी। पलेकिन श्चिम रेलवे मुख्यालय के आदेश को आधार मानते हुए स्थानीय प्रशासन ने पदोन्नति आदेश जारी कर दिए है। मामले में संबंधित अधिकारी से और चर्चा करेंगे।

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