Logo
ब्रेकिंग
काउंटडाउन शुरू, 12 दिन शेष....यूनियन घर-घर कर रही प्रचार-प्रसार बेटी ने दिया आशीर्वाद...मंडल मंत्री को तिलक लगाकर किया सम्मान, नागर बोले-बेटा हम जरूर जीतेंगे परिषद का जनसंपर्क... गेट मीटिंग दाहोद वर्कशॉप, मंडल में भी पहुंचे पदाधिकारी राॅयल काॅलेज खेल महोत्सव....दो चरणों की खेल प्रतियोगिता में खिलाड़ियों का उम्दा उत्साह महाकाल नगरी में चुनावी जयघोष...उज्जैन के मंडल मंत्री को किया आश्वस्त, कर्मचारियों ने कहा-मजदूर संघ क... उफ ऐसी गंदगी, बाप रे बाप.... डस्‍टबीन से झांक रहा कचरा, उचककर नीचे भी आ गया, हरकोई देखकर फेर रहा आंख... रेलवे मान्यता के चुनाव....परिषद का जनसंपर्क तेज, पदाधिकारी पहुंचे इंदौर-महू, किया प्रचार-प्रसार अंतर विद्यालयीन बॉक्सिंग प्रतियोगिता....14 विद्यालयों के 120 मुक्केबाजों ने दिखाई स्फूर्ति व ताकत, ख... स्‍वच्‍छता अभियान की ऐसी भी तस्‍वीर...कूड़ादान बना सेक्‍शन एरिया, नाक-भौं सिकुड़कर निकलने को मजबूर रेलवे को निजीकरण से बचाना है तो एकजुट हो जाएं.... एनएफआईआर व मजदूर संघ को चुनना होगा

पौधरोपण: 65 बीघा में फैला राॅॅयल महाविद्यालय फलों से होगा गुलज़ार, कैम्पस में 1000 फलों के पौधे लगाए

-कैम्पस में आम, सीताफल, अनार, चीकू सहित विभिन्न फलों के उन्नत किस्म के पौधे लगाए।

न्यूज़ जंक्शन-18
रतलाम। 65 बीघा क्षेत्रफल में फैले शहर के राॅयल महाविद्यालय के कैम्पस में पौधरोपण किया गया। इसमे 1000 फलों के उन्नत किस्म के पौधे लगाए गए। 1 जुलाई से 7 जुलाई तक चलने वाले वन महोत्सव सप्ताह के अंतर्गत कैम्पस में वृक्षारोपण किया जा रहा है।
इस मौके पर कैम्पस में महाविद्यालय के चेयरमेन प्रमोद गुगालिया, निर्देशक डाॅं. उबेद अफजल, प्रशासक दिनेश राजपुरोहित, एचओडी कपिल केरोल एवं डाॅं. अमित शर्मा उपस्थित रहे। इस अवसर पर संस्था प्रमुख गुगालिया ने कहा कि पौधारोपण मानव समाज का सांस्कृतिक दायित्व है। क्योंकि पौधारोपण हमारे जीवन को सुखी एवं संतुलित बनाए रखता है। वनों की गोद में ही गुरूकुल की स्थापना की गई थी। इन गुरूकुलों में अर्थशास्त्री, दार्शनिक तथा राष्ट्र निर्माण के कार्य में लगने वाले बंधु शिक्षा ग्रहण करते थे। इसीलिए पौधरोपण हमारी संस्कृति में समाहित है।
इस अवसर पर संस्था के डायरेक्टर डाॅं. उबेद अफजल ने बताया कि महाविद्यालय परिसर में अभी आम, सीताफल, अनार, चीकू, जामफल, नीबू, संतरा, मौसंबी, चैरी, कीवी, पपीता, आडू, लीची, अखरोट, बादाम, काजू, बेलपत्र, आंवला, अंजीर, व्हाईट ऐप्पल, बरडोली जामुन, करौंदा, शहतुत, केला, नारियल, अंग्रेजी इमली आदि के 1000 पौधे लगाए जा रहे है। महाविद्यालय परिसर में पहले से लगभग 1000 फलों, फूलों व छायादार पोधो को लगाया था। वे अब वृक्ष का आकार लेने लगे है।
डाॅ. अफजल ने यह भी बताया कि, राॅयल महाविद्यालय परिसर को गुरूकुल की प्रणाली के आधार पर विकसित किया गया है, वर्तमान में महाविद्यालय में फूलों के गार्डन, लोटस गार्डन, रोज गार्डन के साथ कई फव्वारे भी स्थापित किए गए है। महाविद्यालय में आस्ट्रीच, बतख, खरगोश आदि प्राणीयों को भी पाला गया है। साथ ही उन्होनें यह भी बताया कि, कैम्पस के हरा भरा होने से, ना सिर्फ अध्ययनरत् विद्यार्थियों को प्रदूषण मुक्त वातावरण मिलता है, जिससे उनको महाविद्यालय में नियमित आने की इच्छा होती है, साथ ही उन्हें पढ़ाई में एकाग्रता का अहसास होता है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.