-कैम्पस में आम, सीताफल, अनार, चीकू सहित विभिन्न फलों के उन्नत किस्म के पौधे लगाए।
न्यूज़ जंक्शन-18
रतलाम। 65 बीघा क्षेत्रफल में फैले शहर के राॅयल महाविद्यालय के कैम्पस में पौधरोपण किया गया। इसमे 1000 फलों के उन्नत किस्म के पौधे लगाए गए। 1 जुलाई से 7 जुलाई तक चलने वाले वन महोत्सव सप्ताह के अंतर्गत कैम्पस में वृक्षारोपण किया जा रहा है।
इस मौके पर कैम्पस में महाविद्यालय के चेयरमेन प्रमोद गुगालिया, निर्देशक डाॅं. उबेद अफजल, प्रशासक दिनेश राजपुरोहित, एचओडी कपिल केरोल एवं डाॅं. अमित शर्मा उपस्थित रहे। इस अवसर पर संस्था प्रमुख गुगालिया ने कहा कि पौधारोपण मानव समाज का सांस्कृतिक दायित्व है। क्योंकि पौधारोपण हमारे जीवन को सुखी एवं संतुलित बनाए रखता है। वनों की गोद में ही गुरूकुल की स्थापना की गई थी। इन गुरूकुलों में अर्थशास्त्री, दार्शनिक तथा राष्ट्र निर्माण के कार्य में लगने वाले बंधु शिक्षा ग्रहण करते थे। इसीलिए पौधरोपण हमारी संस्कृति में समाहित है।
इस अवसर पर संस्था के डायरेक्टर डाॅं. उबेद अफजल ने बताया कि महाविद्यालय परिसर में अभी आम, सीताफल, अनार, चीकू, जामफल, नीबू, संतरा, मौसंबी, चैरी, कीवी, पपीता, आडू, लीची, अखरोट, बादाम, काजू, बेलपत्र, आंवला, अंजीर, व्हाईट ऐप्पल, बरडोली जामुन, करौंदा, शहतुत, केला, नारियल, अंग्रेजी इमली आदि के 1000 पौधे लगाए जा रहे है। महाविद्यालय परिसर में पहले से लगभग 1000 फलों, फूलों व छायादार पोधो को लगाया था। वे अब वृक्ष का आकार लेने लगे है।
डाॅ. अफजल ने यह भी बताया कि, राॅयल महाविद्यालय परिसर को गुरूकुल की प्रणाली के आधार पर विकसित किया गया है, वर्तमान में महाविद्यालय में फूलों के गार्डन, लोटस गार्डन, रोज गार्डन के साथ कई फव्वारे भी स्थापित किए गए है। महाविद्यालय में आस्ट्रीच, बतख, खरगोश आदि प्राणीयों को भी पाला गया है। साथ ही उन्होनें यह भी बताया कि, कैम्पस के हरा भरा होने से, ना सिर्फ अध्ययनरत् विद्यार्थियों को प्रदूषण मुक्त वातावरण मिलता है, जिससे उनको महाविद्यालय में नियमित आने की इच्छा होती है, साथ ही उन्हें पढ़ाई में एकाग्रता का अहसास होता है।