स्थापना विभाग, सीनियर डीपीओ सहित अन्य कर्मचारियों की भूमिका सराहनीय।
न्यूज़ जंक्शन-18
रतलाम। रतलाम रेल मंडल द्वारा कर्मचारियों हित में किए जा रहे भारतीय रेलवे स्तर पर कार्यों की श्रृंखला में एक काम और जुड़ गया है। यह काम अनुकंपा नियुक्ति की डिजिटली प्रकिया में अव्वल रहने से जुड़ा है। 1 अप्रैल को इसके रेलवे बोर्ड से आदेश जारी हुए। वही रतलाम मंडल द्वारा 20 दिनों में दिवंगत कर्मचारी की पात्र संतान को डिजिटली प्रकिया के तहत नौकरी दे दी। इस उपलब्धि पर रेलवे बोर्ड व जोनल अधिकारियों द्वारा सीनियर डीपीओ की सराहना की गई।
कर्मचारी मोर सिंह का निधन भी 1 अप्रैल 2025 को हुआ:- भारतीय रेलवे में अनुकंपा नियुक्ति की प्रक्रिया को डिजिटल प्लेटफॉर्म “एचआरएमएस” (ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट सिस्टम) के माध्यम से पूर्ण करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए रतलाम मंडल ने टारगेट बेस पर काम किया।
दरअसल यह मामला रेल मंडल के फंदा स्टेशन पर तैनात मोर सिंह नामक कर्मचारी से जुड़ा है। इनका निधन 1 अप्रैल 2025 को हुआ। कर्मचारी के निधन के पश्चात रतलाम रेल मंडल के स्थापना विभाग ने तत्परता दिखाई। बेहद कम समय में उनके पुत्र रोहित को अनुकंपा नियुक्ति दिलाने की प्रक्रिया ऑनलाइन माध्यम से पूरी की। यह प्रक्रिया रेलवे बोर्ड के निर्देशानुसार एचआरएमएस पोर्टल पर पूर्ण रूप से डिजिटली की गई।
बता दें कि पहले मैन्युअल फाइलों के माध्यम से अनुकंपा नियुक्ति होती थी। इसके चलते हितग्राही संतान को नौकरी मिलने में कई प्रकियाओं से गुजरना पड़ता था।
फ़ोटो- सीनियर डीपीओ अरिमा भटनागर।
सीनियर डीपीओ के नेतृत्व में काम:-
इस कार्य में रतलाम मंडल के स्थापना विभाग की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही। सीनियर डीपीओ श्रीमती आरिमा भटनागर के नेतृत्व में इस कार्य को योजनाबद्ध ढंग से पूरा किया गया।
अधिकारियों का मानना है कि रतलाम मंडल द्वारा की गई यह पहल न केवल रेलवे के डिजिटलीकरण प्रयासों को गति प्रदान करती है। बल्कि यह अन्य मंडलों के लिए एक आदर्श मॉडल के रूप में भी स्थापित हो गई है। यह प्रक्रिया पारदर्शिता, गति और कुशलता का प्रतीक बनकर उभरी है। कम समय में ऑनलाइन स्वीकृति प्राप्त कर अनुकंपा नियुक्ति देना यह दर्शाता है कि भारतीय रेलवे कैसे तकनीकी प्रगति के साथ संवेदनशील मामलों में भी तत्परता से कार्य कर रही है।