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इस टिकिट चेकिंग कर्मचारी को सलाम….ट्रेन में अचानक अचेत हुई महिला यात्री को पंपिंग (सीपीआर) कर बचाई जान

-वीरभूमि एक्सप्रेस में सवार महिला यात्री की अचानक तबीयत हुई थी खराब।
न्यूज़ जंक्शन-18
रतलाम। रेलवे टिकिट चेकिंग कर्मचारी ने सूझबूझ दिखाते हुए ट्रेन में अचानक अचेत हुई महिला यात्री को पंपिंग (पीसीआर) देकर जान बचाई। यात्री को बाद में उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया। इसके बाद यात्री सकुशल अपने परिजनों के साथ गुजरात अपने शहर रवाना हुई। यह वाकिया 30 अप्रैल 2024 को वीरभूमि एक्सप्रेस (ट्रेन संख्या19315) का है।

फ़ोटो-सीसीटीई के पद पर नीमच स्टेशन पर कार्यरत चेकिंग कर्मचारी रामेश्वर मीणा।

जानकारी के मुताबिक सीसीटीई के पद पर नीमच स्टेशन पर कार्यरत चेकिंग कर्मचारी रामेश्वर मीणा की रात 10 से सुबह 6 बजे तक की प्लेटफॉर्म पर ड्यूटी थी। मीणा को रतलाम डीआरएम ऑफिस से रात 11.55 बजे सीएमआई कंट्रोल का फोन गया। सूचना दी गई कि ट्रेन नंबर 19315 वीरभूमि एक्सप्रेस के कोच S-3 की सीट नंबर 48 पर महिला यात्री मेघा की अचानक तबियत खराब हो गई है। उसे सांस लेने में परेशानी हो रही है। सीट पर जाकर उनकी मदद की जाए। निर्देश मिलते ही सीसीटीई मीणा ने स्टेशन मास्टर को सूचना दी कि फ़ौरन एम्बुलेंस को कॉल कीजिये।
इधर मीणा ने भागते हुए हुए देखा तो ट्रेन प्लेटफॉर्म नंबर 2 पर इंटर कर रही थी। ट्रेन जैसे ही प्लेटफॉर्म पर ठहरी। सीसीटीई ने बर्थ पर पहुंचकर महिला यात्री मेघा को अटेंड किया। देखा तो यात्री को सांस लेने में तकलीफ़ हो रही थी। घबराहट में यात्री की आंखें भी तनी हुई दिखाई दे रही थी।

ट्रेनिंग व मेडिकल वॉन की ड्यूटी काम आई

चेकिंग कर्मचारी को यात्री के उपचार में उदयपुर में मिली रेलवे की ट्रेनिंग व पूर्व में मेडिकल वॉन की ड्यूटी का अनुभव काम आया। महिला यात्री की तबियत देख मीणा ने परिजन से पूछा कि इन्हें पहले कोई हार्ट से संबंधित तकलीफ़ तो नहीं रही। जब उन्होंने मना किया तो फिर सीसीटीई मीणा ने महिला के कान के पास हाथ लगाया। महसूस किया कि नब्ज नहीं चल रही है। महिला की आंख भी बाहर की तरफ़ आ रही थी। तब कर्मचारी ने सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) देने का फैसला लिया। कर्मचारी ने 1 से 2 मिनिट तक सीपीआर दिया। तब एकाएक यात्री मेघा को मानो जान में जान आ गयी।

एम्बुलेंस से भिजवाया गया सिविल अस्पताल

महिला यात्री को तुरंत ही ट्रेन से उतारकर प्लेटफॉर्म नंबर दो से ओवरब्रेज पार कर प्लेटफॉर्म नंबर एक पर लेकर आए। फिर बाहर खड़ी एम्बुलेंस में चढ़ाकर सिविल हॉस्पिटल नीमच भर्ती कराया गया। उपचार के बाद उनको 3.45 बजे डिस्चार्ज कर दिया। तबियत सामान्य होने पर यात्री मेघा और उनके साथ में परिजन सड़क मार्ग से सकुशल मेहसाना गुजरात के लिए रवाना हुए।

एक्सपर्ट की भी यही सलाह

आकस्मिक मौकों पर किसी व्यक्ति की दिल की धड़कन ठहर जाती है। उस समय जब उपचार के इंतजाम न हो। तब सीपीआर कारगर जीवनरक्षक उपचार साबित होता है। हार्ट को हथेलियों के माध्यम से लगातार दबाने से मरीज का ब्लड सर्कुलेशन सामान्य (पूर्ववत स्थिति) होने लगता है। मरीज को मुंह से ऑक्सीजन पहुंचाकर भी राहत पहुंचाई जा सकती है।
-डॉ. आनंद चन्देलकर, सीएमएचओ जिला अस्पताल रतलाम।

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