टिकिट चेकिंग सेवा के बेमिसाल 36 साल…स्पोर्ट्समेन से सीटीआई तक का सफर पूरा, कर्तव्यनिष्ठा के पर्याय रहे घनश्याम यादव
न्यूज़ जंक्शन-18
रतलाम। किसी भी क्षेत्र में ईमानदारी को आत्मसात कर लिया जाए तो इस सेवा आचरण का स्वतः ही कर्तव्यनिष्ठा में तब्दील होना तय माना जाता है। चाहे वह क्षेत्र समाज से जुड़ा हो…, राजनीति हो… या शासकीय नौकरी का क्षेत्र…। कुछ ऐसा ही नजरिया सीटीआई से रिटायर हुए घनश्याम यादव का रेल सेवा में ताउम्र रहा है।
स्पोर्ट्स के मैदान से रेलवे में टिकिट चेकिंग की नौकरी पाकर इन्होंने अपने सेवाकाल के 36 साल निर्विवाद पूरे किए। 30 अप्रैल को जब अधिकारियों ने इनका स्वागत किया तो अपनी बेदाग छबि के चलते खुद भी गौरवान्वित महसूस कर रहे थे।
रिटायमेंट के बाद गुरुवार को रेलवे स्टेशन सीटीआई ऑफिस गए तो इनके कामों की खूब सराहना की गई। साथी कर्मचारियों ने इन्हें हार पहनाकर खूब स्वागत किया। अभिवादन किया…गले लगे…। तब इनके चेहरे पर सुकून भरी मुस्कान साफ दिखाई दी। मन व दिमाग में संतोष भी झलक रहा था।
रेल सेवा की बात करें तो 3 नवंबर 1989 में इन्होंने स्पोर्ट्स (बास्केटबॉल) कोटे में रेलवे में नौकरी की शुरुआत की।
बाद में डीआरएम स्क्वॉड से लेकर चेकिंग में निर्भीकता से काम कर रेलवे राजस्व पूर्ति की जिम्मेदारी को दक्षतापूर्वक पूरा किया।
सादगी व विश्वास के बूते विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा साथियों के भी ये चहेते बने रहे। दूसरी ओर वेस्टर्न रेलवे मजदूर संघ में भी सक्रिय भूमिका का निर्वहन किया।
स्वागत के लिए उमड़े लोग:- गुरुवार को सुबह रेलवे स्टेशन पर साथियों ने इनका जमकर स्वागत किया। इस दौरान रेलवे मजिस्ट्रेट सहित सीटीआई शैलेन्द्र मालवीय, सीटीआई बानीराम, सीटीआई महेंद्र गौतम, सीटीआई मुनीश मीणा, राजेश जैन, रमेश गुर्जर, आकाश सिसोदिया, महेंद्र शर्मा, जितेंद्र चौहान, यास्मीन बानो, रेखा, ऋषि सक्सेना व इस्तियाक मौजूद रहे।