-बहु-विषयक मंडल प्रशिक्षण संस्थान रतलाम भवन ‘शून्य प्लस’ लेवल प्रमाणन
न्यूज़ जंक्शन-18
रतलाम। रतलाम मंडल के रतलाम स्थित बहु विषयक मंडल प्रशिक्षण संस्थान में रूफ टॉप सोलर सिस्टम लगाया गया है। जिससे प्रति वर्ष लगभग 53,960 किलोवाट घंटा गैर परंपरागत ऊर्जा का उत्पादन किया गया। संस्थान रतलाम भवन को ‘शून्य प्लस’ लेवल का पत्र जारी किया गया है। इस क्रम में इलेक्ट्रिक पॉवर विभाग के अधीन बहु विषयक मंडल प्रशिक्षण संस्थान में कार्यरत सीनियर टेक्नीशियन नरेंद्र सिंह सोलंकी को माह फरवरी माह का में ऑफ़ द मंथ के रूप में डीआरएम अश्वनी कुमार ने पुरस्कृत किया।
बता दें कि ऊर्जा दक्षता ब्यूरो भारत सरकार, विद्युत मंत्रालय द्वारा नेट जीरो और नेट पॉजिटिव भवनों के लिए शुन्य लेवलिंग प्रोग्राम की शुरूआत किया गया है। जिसका उद्देश्य बड़े आकार के भवनों पर सोलर सिस्टम लगाकर भवन की उपयोगिता के अनुसार गैर परंपरागत ऊर्जा का उत्पादन कर परंपरागत ऊर्जा पर निर्भरता को कम करना है।
मंडल रेल प्रबंधक रतलाम के नेतृत्व एवं वरिष्ठ मंडल बिजली इंजीनियर (पावर) धर्मेन्द्र कुमार प्रजापति के निर्देशन में पश्चिम रेलवे रतलाम मंडल के विभिन्न सरकारी भवनों एवं रेलवे स्टेशनो पर रूफ टॉप सोलर सिस्टम लगाए गए हैं। इससे जहां एक ओर परंपरागत ऊर्जा पर निर्भरता में कमी आई है वहीं कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आई है।
इसी क्रम में रतलाम मंडल के रतलाम स्थित बहु विषयक मंडल प्रशिक्षण संस्थान में रूफ टॉप सोलर सिस्टम लगाया गया है। जिससे प्रति वर्ष लगभग 53,960 किलोवाट घंटा गैर परंपरागत ऊर्जा का उत्पादन किया गया। जबकि इस पूरे प्रशिक्षण परिसर जो लगभग 3097 वर्ग मीटर में फैला हुआ है। कुल ऊर्जा खपत लगभग 42,640 किलोवाट घंटा प्रति वर्ष है।
इस प्रशिक्षण संस्थान में गैर परंपरागत ऊर्जा का उत्पादन प्रति वर्ष उपभोग होने वाली ऊर्जा से लगभग 11, 320 किलोवाट घंटा प्रति वर्ष अधिक है।
ऊर्जा दक्षता ब्यूरो भारत सरकार, विद्युत मंत्रालय द्वारा रतलाम मंडल बिजली विभाग के आंकडों की जांच एवं सत्यापन के उपरांत बहु विषयक मंडल प्रशिक्षण संस्थान रतलाम भवन को ‘शून्य प्लस’ लेवल का पत्र जारी किया गया है। इसका मतलब है कि संबंधित भवन पर लगाये गये सोलर सिस्टम द्वारा प्रति वर्ष उपयोग होने वाली ऊर्जा से अधिक गैर परंपरागत ऊर्जा का उत्पादन किया गया है।
पश्चिम रेलवे रतलाम मंडल का बहु विषयक मंडल प्रशिक्षण संस्थान मंडल का पहला सरकारी भवन है जिसे यह प्रमाण पत्र ऊर्जा दक्षता ब्यूरो, विद्युत मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जारी किया गया है। यह प्रमाण पत्र अगले तीन वर्षो तक के लिए मान्य है।