आखिर आ धमकी विजिलेंस…मैटरनिटी लीव से बुलाकर स्टेनो एक्जॉम दिलाना महंगा पड़ा, जनेटर को मस्टर लेकर तलब किया
-मामला परीक्षा के बाद दोबारा महिला को लीव पर भेजने का।
न्यूज़ जंक्शन-18
रतलाम। रेलवे के कार्मिक विभाग में तीसरे क्रम के अधिकारी की मेहरबानी का खामियाजा अब उन्हें ही उठाना पड़ सकता है। मैटरनिटी लीव पर रही दो महिला कर्मचारियों को बुलाकर विभागीय परीक्षा दिलवाने का आरोप है। मामला उजागर होने के बाद सोमवार शाम को मुंबई से विजिलेंस मंडल कार्यालय पहुंची। उपस्थिति जांचने के लिए जनेटर को तलब किया। बल्कि जांच के लिए हाजरी मस्टर भी मंगवाए गए।
मालूम हो कि सबसे पहले इस मामले में न्यूज़ जंक्शन-18 द्वारा 18 सितंबर 2024 को खबर प्रसारित की थी। इसके बाद अब जांच शुरू हुई है। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की उपस्थिति रजिस्टर में भी गड़बड़ी की सूचना थी। इसकी भी जांच की जाएगी।
विश्वस्त जानकारी के मुताबिक शाम को मुंबई से विजिलेंस इंस्पेक्टर जीएन सिंह पहले डीआरएम ऑफिस के कार्मिक विभाग सेक्शन में गए। प्रारंभिक पूछताछ के बाद सीधे निचले तल पहुंचे। वहां जनेटर चेतन मीणा से पूछताछ कर मस्टर मांगे। जनेटर ऑफिस में रजिस्टर सहित मीणा को लेकर पुनः ऊपर पहुंचे। इसके बाद एपीओ अम्बालाल लबाना तथा चेतन मीणा से महिला कर्मचारी नेहा सोलंकी की मैटरनिटी लीव व उपस्थिति के बारे में पूछताछ की गई। मामले में बयान दर्ज कर रिपोर्ट तैयार की गई।
इस मामले में हुई विजिलेंस कार्रवाई
विजिलेंस की यह जांच 7 अगस्त 2024 को 2400 ग्रेडपे की हुई विभागीय स्टेनो परीक्षा को लेकर हुई है। दरअसल पदोन्नति की आस में 14 कर्मचारी स्टेनो परीक्षा में शामिल हुए थे। इसमें 8 कर्मचारी उत्तीर्ण हुए।
इस परीक्षा के दौरान एक चतुर्थ श्रेणी व एक तृतीय श्रेणी में कार्यरत दो महिला आवेदिका भी शामिल हुई। ये दोनों महिला कर्मचारी मैटरनिटी लीव पर थी। आरोप है कि एपीओ ने इनमें से एक को बकायदा बुलवाकर ज्वाइन करवाया। इसके बाद परीक्षा दिलवाई। जबकि दूसरी महिला कर्मचारी को अवकाश अवधि में ही परीक्षा दिलवा दी। दूसरे नंबर की महिला तो परीक्षा में उत्तीर्ण भी हो गई।
यह मामला मुंबई मुख्यालय तक पहुंचा। इसके बाद विजिलेंस यहां पहुंची।
आरोपों के बावजूद गुड लिस्ट में?
विभाग के सूत्र बताते है कि एपीओ की कार्यशैली को लेकर दाहोद में भी सवाल उठते आए। वहां कार्रवाई भी की गई थी। रतलाम में अधिकांश कर्मचारी खफ़ा भी है। बावजूद ये वरिष्ठ अधिकारी की गुड लिस्ट में है।
बताया जा रहा है कि सितंबर 2024 में दाहोद में एक मामले में शिकायत हुई थी। इनकी निशानदेही पर तीन डब्ल्यूएलाई से काम करवाए गए थे। बाद में डब्ल्यूएलाई फंस गए। जबकि अधिकारी कार्रवाई से बच गए थे।