-26 अप्रैल 2023 को ताबड़तोड़ शुरू किया था पुल की सड़क सुधारीकरण का काम।
-3 माह में खुल गई अनदेखी की पोल, शुरुआती बारिश में ही उखड़ने लगा सीसी।
न्यूज़ जंक्शन-18
रतलाम। लगता है निर्माण के नाम पर रेलवे राजस्व को चूना लगाने की ठेकेदारों में होड़ मची हुई है। फ्रीगंज बायपास के बाद अब बकरा पुल रोड के भी यही हाल है। इसकी मरम्मत के बाद अब सड़क दुर्दशा की शुरुआत हो चुकी है। अधिकारियों से ठेकेदारों के मेलमिलाप की कहानी इस सड़क से बया हो रही है। क्योंकि बकरा पुल का सीसी रोड ढाई से तीन माह के अंतराल में ही जवाब देने लगा है। बताया जा रहा है कि सड़क निर्माण में मनमानी चलती रही और इंजीनियरिंग विभाग के जिम्मेदार आँखे मूंदे ऑफिस में बैठे रहे। वही बड़े अधिकारी अभी तक मैराथन मीटिंगों में व्यस्त है।
मालूम हो कि बकरा पुल डीआरएम ऑफिस, रेलवे कॉलोनी सहित करीब कॉलोनियों की जावरा रोड, डीजल शेड आने-जाने का प्रमुख सेतु मार्ग है। 26 अप्रैल को जब जर्जर सड़क की मरम्मत का काम शुरू किया था। तब वेस्टर्न रेलवे एम्प्लाइज यूनियन ने इस काम को उनकी मांग व पहल का श्रेय माना था। लेकिन बारिश के शुरुआती दौर में ही सीसी उखड़ने लगा। तब इसकी दूसरे संगठन आपत्ति ले रहे हैं।
नहीं झेल पाएगी सड़क यह बारिश
मामले में ऑल इंडिया ओबीसी एसोसिएशन के मंडल मंत्री अजय सिंह का कहना है कि बकरा पुल पर लगे पुराने ब्लॉक तो टूटने लगे। मगर अप्रैल में पुल की मरम्मत के लिए बनाई सड़क जगह-जगह से उखड़ने लगी है। मरम्मत के लिए 20 से 25 दिन का ब्लॉक लेकर रास्ता बंद किया गया था। आशंका उभरने लगी कि आईओडब्ल्यू ने जिम्मेदारी से खड़े रहकर काम नहीं कराया। यह सड़क पूरी बारिश झेलना मुश्किल है। रेलवे पीआरओ खेमराज मीणा का कहना है कि मामले में जानकारी लेंगे।
फ्रीगंज बायपास के भी रहे थे हाल
इधर, विभाग की इसी अनदेखी के चकते रेलवे स्टेशन से फ्रीगंज को जोड़ने वाले बायपास पर बने सीसी रोड की इनसे बड़ी कहानी थी। सीसी रोड का सांसद गुमानसिंह द्वारा लोकार्पण किया गया था। इसके ठीक एक से डेढ़ माह में ही सड़क जगह-जगह से उखड़ गई थी। डीआरएम की आपत्ति के बाद पेचवर्क किया गया। बड़ी बात यह है कि बावजूद ठेकेदार को सम्मानित करने पूरा का पूरा बिल पास कर दिया।